पंचायती राज मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम ने कहा है कि सर्वजन दवा सेवन अभियान में बेहतर सहभागिता करने वाले पंचायत प्रतिनिधि जैसे जन प्रतिनिधि को राज्यस्तरीय समारोह में सम्मानित किया जाएगा. गुरुवार को टेली-कांफ्रेंसिंग के जरिये राज्य के तीस हजार से ज्यादा प्रखंड प्रमुख, मुखिया, उप मुखिया, वार्ड सदस्य आदि पंचायत प्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान उन्होंने ये घोषणा की.
पंचायती राज मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम ने फाइलेरिया से बचाव के लिए 10 फरवरी से शुरू हो रहे सर्वजन दवा सेवन अभियान में आम-अवाम से दवा खाने और इस अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की है. उन्होंने ख़ास तौर से पंचायत प्रतिनिधियों से कहा कि वे खुद भी दवा खाएँ और अपने आस-पड़ोस के लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें. उल्लेखनीय है कि आगामी 10 फरवरी से शुरू हो रहा यह अभियान अगले चौदह दिन तक राज्य के 24 जिले में चलेगा.
पंचायती राज मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम ने कहा कि फाइलेरिया घातक बीमारी है और यह लोगों को विकलांग तक बना देता है. इससे बचाव के लिए ही हर साल सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जाता है. इस अभियान में दवा खाने से फाइलेरिया की बीमारी से बचा जा सकता है. इसमें पाँच साल में पाँच बार दवा कहानी होती है. फाइलेरिया रोग के बारे में सही कहा गया है कि इसका इलाज से बेहतर बचाव ही है.
पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण : मुरारी प्रसाद गौतम
पंचायती राज मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम ने इस बात पर चिंता प्रकट की कि अभी भी समाज में फाइलेरिया मरीज उपेक्षा का शिकार होते हैं. हाथीपांव के कारण हुई शारीरिक विकृति उनकी पहचान बन जाती है. विशेषकर ग्रामीण परिवेश में उन्हें कई स्तर पर उपेक्षित होना पड़ता है. उन्होंने बताया कि फाइलेरिया जैसे गंभीर रोग पर समुदाय को जागरूक करना हम सभी की सामाजिक एवं नैतिक जिम्मेदारी है. पंचायत प्रतिनिधि इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
एमडीए अभियान को सफल बनाने के लिए हो रहा हर संभव प्रयास : विकास सिन्हा
इधर, केयर इंडिया के एनटीडी टीम लीड विकास सिन्हा ने कहा कि सर्वजन दवा सेवन अभियान को सफल बनाने और हर व्यक्ति को दवा खिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग हर संभव प्रयास कर रही है. समाज के विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोगों की अपील और सन्देश इसमें काफी महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं. राजनीतिक व्यक्तित्वों की अपील जन-जन में सकारात्मक माहौल बनाने में कारगर हो रही है. उन्होंने बताया कि हाथीपांव फाइलेरिया का सबसे विकराल स्वरूप है जिससे एक सामान्य व्यक्ति कई किलोग्राम के अतिरिक्त वजन अपने पैरों में लादकर जीने को मजबूर हो जाते हैं. इसकी रोकथाम आसान है. साल में एक बार होने वाले एमडीए-फाइलेरिया में दवा खाने से इसकी रोकथाम संभव है. ऐसा पाँच बार पाँच सालों में दवा खाकर इसकी रोकथाम की जा सकती है.
रिपोर्टर
Dr. Rajesh Kumar
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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