- जिलाभर में मुंगेर सदर और संग्रामपुर प्रखंड में सर्वाधिक 346 लोगों का लिया गया ब्लड सैंपल
- मुंगेर शहरी क्षेत्र सहित जिला के सभी नौ प्रखंड में 26 दिसंबर तक लिया जाएगा ब्लड सैंपल
मुंगेर-
फाइलेरिया जांच के लिए मुंगेर शहरी क्षेत्र सहित जिला भर में सोमवार से शुरू हुए नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम में बुधवार तक निर्धारित लक्ष्य 6000 में से 2324 लोगों का ब्लड सैंपल लिया जा चुका है। आगामी 26 दिसंबर तक सभी जगह पर फाइलेरिया जांच के लिए ब्लड सैंपल लिया जाएगा।
जिलाभर में मुंगेर सदर और संग्रामपुर प्रखंड में सर्वाधिक 346 लोगों का लिया गया है ब्लड सैंपल :
जिला वेक्टर बोर्न डिजीज कंसल्टेंट पंकज कुमार प्रणव ने बताया कि जिलाभर में सबसे अधिक मुंगेर सदर और संग्रामपुर प्रखंड में फाइलेरिया जांच के लिए 346 लोगों का ब्लड सैंपल लिया गया है। इसके साथ ही हवेली खड़गपुर में 307, जमालपुर में 300, असरगंज में 250, बरियारपुर में 226, धरहरा 225, मुंगेर शहरी क्षेत्र में 134, टेटिया बंबर में 110 और तारापुर प्रखंड में 80 लोगों का फाइलेरिया जांच के लिए ब्लड सैंपल लिया गया है। आम लोगों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि मुंगेर शहरी सहित सभी प्रखंडों में आगामी 26 दिसंबर तक नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कोई भी सामान्य व्यक्ति यह नहीं जानता है कि फाइलेरिया का मच्छर क्यूलेक्स के काटने से उनके शरीर में माइक्रो फाइलेरिया है अथवा नहीं । इसके लिए आवश्यक है कि नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम के दौरान अपना ब्लड सैंपल देकर अपनी फाइलेरिया की जांच करवा लें ताकि जिला को फाइलेरिया मुक्त करते हुए सरकार के फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को सफल बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि पूरे जिले में आयोजित नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम के सफल आयोजन में पिरामल स्वाथ्य के डिस्ट्रिक्ट लीड राकेश कुमार और सब डिविजनल कोऑर्डिनेटर अमरेश कुमार लगातार सहयोग कर रहे हैं।
डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉ अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि भारत सरकार के द्वारा वर्ष 2027 तक फाइलेरिया बीमारी के उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रत्येक वर्ष 24 जिलों में 10 फरवरी एवं 14 जिलों में 10 अगस्त से सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) का राउंड चलाया जाता है। इससे पहले फाइलेरिया संक्रमण दर की जांच के लिए नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि माइक्रो फाइलेरिया दिन के समय व्यक्ति के लिम्फेटिक सिस्टम में रहता है और रात के समय ही व्यक्ति के खून में रहता। उन्होंने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निर्देशक सह स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह के निर्देशानुसार सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में जो भी मरीज बुखार और खांसी के कारण भर्ती होते हैं उनका रात के 8:30 से 12 बजे के दौरान ब्लड का सैंपल लेकर फाइलेरिया की जांच की जाएगी। इसके बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर संबंधित व्यक्ति का स्वास्थ्य विभाग के दिशा -निर्देश के अनुसार 12 दिनों की डीईसी दवा की पूरी कोर्स पूरी करायी जानी है।
रिपोर्टर
Aishwarya Sinha
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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