- कुपोषण को खत्म करने के लिए सोशल मीडिया का लिया जाएगा सहारा
- जिला स्तरीय पोषण परामर्श केंद्र का शुभारंभ, ई-रिक्शा से पोषण को लेकर किया जाएगा जागरूक
भागलपुर, 07 सितंबर
पोषण माह में कुपोषण को मात देने के लिए सोमवार को जिला स्तरीय पोषण परामर्श केंद्र का शुभारंभ किया गया। इस दौरान डीपीओ अर्चना कुमारी ने ई-रिक्शा जागरूकता रात को भी रवाना किया। ई-रिक्शा से घूम-घूम कर लोगों को पोषण के प्रति जागरूक किया जाएगा साथ ही साथ जागरुकता के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जाएगा। डीपीओ अर्चना कुमारी ने कहा कि कुपोषण को खत्म करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेकर लोगों को जागरुक किया जाएगा। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने क्षेत्र की गर्भवती व धात्री महिलाओं और अन्य लोगों की जानकारी लेकर एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाएंगी जिसमें समय-समय पर पोषण से संबंधित जानकारी दी जाएगी। इससे कुपोषण को दूर करने में काफी मदद मिलेगी।
- गर्भवती व धात्री माताओं को दिया जाएगा प्रशिक्षण
पोषण को लेकर महीने भर कार्यक्रम चलाया जाएगा। इस दौरान गर्भवती व धात्री महिलाओं को सोशल मीडिया के जरिए प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हें बताया जाएगा कि कुपोषण को दूर करने के लिए क्या-क्या करना है। किस तरह का पोषण लेने से बच्चे सेहतमंद रहेंगे। इस तरह का प्रशिक्षण देकर उन्हें जागरुक किया जाएगा।
- बच्चों के विकास के लिए सही पोषण आवश्यक
डीपीओ अर्चना कुमारी ने बताया कि बच्चों के विकास के लिए सही पोषण बहुत महत्वपूर्ण है। खासकर शुरुआती वर्षों के दौरान। गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक भोजन लेना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इससे बच्चे का सही ढंग से विकास होता है। जन्म के बाद भी बच्चे को दो साल तक केवल पौष्टिक आहार ही देना चाहिए। गर्भावस्था और जन्म के बाद के शुरुआती वर्ष मस्तिष्क और अन्य महत्वपूर्ण अंगों के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। बच्चे के संपूर्ण विकास को सुनिश्चित करने के लिए विटामिन, कैल्शियम, आयरन, वसा और कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार देना बहुत महत्वपूर्ण है।
- सही पोषण देता है रोग से लड़ने की क्षमता
डीपीओ अर्चना कुमारी ने बताया कि बच्चों को रोगमुक्त और स्वस्थ जीवन जीने के लिए पोषक तत्व महत्वपूर्ण है। पर्याप्त पोषण की कमी से, शारीरिक के साथ-साथ कई तरह के विकार हो सकते हैं। कुपोषण और भूख एक समान नहीं है, हालांकि दोनों संबंधित हो सकते हैं। भूख तब लगती है जब पेट खाली होता है, जबकि कुपोषण पर्याप्त पोषक तत्वों की कमी के कारण होता है।
- गर्भावस्था में सही पोषण जरूरी
गर्भावस्था में मां को अच्छे पोषण की जरूरत होती है। इस दौरान सही पोषण बच्चे के विकास और मां के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जरूरी है। माताओं को ध्यान रखना चाहिए कि उनके पोषण में विटामिन और मिनरल्स की कमी न होने पाए। गर्भावस्था के दौरान सही डायट चार्ट बनाना और उसका पालन करना भी बहुत जरूरी है। गर्भावस्था के दौरान माताएं जो भी आहार लेती हैं, उससे न केवल उनके शरीर को पोषण मिलता है, बल्कि पेट में पल रहे बच्चे का भी विकास होता है।
- भरपेट भोजन के बजाय बार-बार खाएं
डीपीओ अर्चना कुमारी ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को दिन में दो से तीन बार भरपेट खाने के बजाए कम मात्रा में बार-बार खाना चाहिए। इससे पाचन की समस्या भी नहीं होगी। इसके अलावा नियमित रूप से थोड़ा बहुत व्यायाम करना चाहिए। इससे शरीर स्वस्थ रहेगा और बच्चा भी सेहतमंद होगा।
रिपोर्टर
Grihsaundarya (Admin)
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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