-युवा और समाज का मार्ग दर्शन करता है डॉ. अजय का यूट्यूब चैनल
-दिल्ली के इन्द्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के टेकनिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ एडवांस स्टडीज़ में हैं सहायक प्रोफ़ेसर
- जीवन के अनुभवों को समाज कल्याण में तब्दील करने की कर रहें हैं कोशिश
पटना: शिक्षा एक ऐसी पुल है जो व्यक्तिगत विकास को सामाज के साथ जोड़कर एक प्रगतिशील राष्ट्र की मजबूत बुनियाद निर्मित करती है। ऐसे में शिक्षा का गुणवत्तापूर्ण होने के साथ युवाओं द्वारा शिक्षा के सही विकल्प का चुनाव करना भी महत्वपूर्ण हो जाता है। इसके लिए सरकारी प्रयासों के इतर सामुदायिक सहभागिता की जरूत अधिक हो जाती है। डॉ. अजय कुमार सिंह इसी मुहिम को मूर्त रूप देने की कोशिश में जुटे हैं। पेशे से सहायक प्रोफेसर डॉ. अजय कुमार सिंह नई दिल्ली के इन्द्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के टेकनिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ एडवांस स्टडीज़ में कार्यरत हैं। एक तरफ़ वह युवाओं को शिक्षित कर रहे हैं तो दूसरी तरफ़ सोशल मीडिया एवं यू ट्यूब जैसे लोकप्रिय माध्यमों का इस्तेमाल कर युवाओं को शिक्षा एवं रोजगार की बारीकियों से निः शुल्क अवगत भी करा रहे हैं।
ब्लॉग के माध्यम से बढ़ा रहे हैं जागरूकता:
डॉ. अजय शिक्षण एवं जनसंचार से काफी लंबे समय से जुड़े रहे हैं। बिहार के प्रतिष्ठित संस्थान पटना विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर कार्य करने से लेकर बिहार के प्रतिष्ठित अख़बारों में भी इन्होंने काम किया है। पत्रकारिता और जनसंचार के विभिन्न विषयों पर अध्यापन करने का अनुभव इनके लिए युवाओं की जरूरतों को समझने में कारगर साबित हुआ है। वहीं बचपन से ही शिक्षा के नए प्रयोगों को जानने का शौक इन्हें शिक्षा के तात्कालिक जरूरतों के प्रति संवेदनशील बनने में सहायक साबित हुआ। इसी का नतीजा है कि डॉ. अजय हिंदी और अंग्रेज़ी में अब तक साढ़े तीन सौ से अधिक कविता लिख चुके हैं।
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डॉ. अजय कहते हैं कि युवाओं को कक्षा में पढ़ाने के दौरान उन्हें यह एहसास हुआ कि ज्ञान का विस्तार ही सर्वांगीण विकास की सूत्रधार है। हर तरह की समस्या का समाधान का एकमात्र रास्ता ज्ञान ही है। सही और तार्किक ज्ञान के अभाव में ही युवाओं का एक वर्ग भटकाव के रास्ते पर है। सही समय पर सही ज्ञान तथा प्रेरणा अगर किसी को मिल जाए तो वह निश्चित ही सफलता के रास्ते पर ध्वज वाहक की भूमिका में हमेशा आगे बढ़ेगा। भारत युवाओं का सबसे बड़ा देश है। लेकिन गरीबी एवं सही दिशा निर्देश के आभाव के कारण कई युवा अभी भी कॉलेज तक नहीं पहुँच पाते। उन्होंने बताया कि युवाओं की इस समस्या से प्रेरित होकर उन्होंने समुदाय के युवाओं के साथ जन संवाद स्थापित करने की पहल की है।इसको लेकर वह यू ट्यूब चैनल के जरिए अपने लंबे अनुभव को युवाओं के साथ साझा करने की कोशिश कर रहे हैं।
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डॉ. अजय अपने अनुभव साझा करते हुए कहते हैं कि आज तक जितने भी महापुरुष हुए सब के जीवन में कोई न कोई प्रेरक बातें ज़रूर हुई है। प्रेरणा ऐसी चीज़ है कि एक बार अगर वह जीवन में प्राप्त हो जाए तो कोई लक्ष्य कठिन नहीं रह जाता। वर्तमान दौर सूचना और जनसंपर्क का दौर है। ज्ञान और जानकारी से माध्यम पटे पड़े हैं। सवाल महत्वपूर्ण यह है कि कोई सवाल का जवाब कितना सरल और सटीक तरीक़े से उत्तर किया गया है समझ उतनी ही गहरी बनती है। कोई सवाल या तो आसान होता है या मुश्किल होता है। अगर उत्तर मालूम हो तो वह आसान है। अगर उत्तर नहीं मालूम हो तो उससे कठिन कोई सवाल नहीं। इस चैनल का मक़सद कठिन से कठिन सवालों का आसान और तार्किक जवाब तलाशने की कोशिश भी है।
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रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar