पोषण माह की सफलता को लेकर जिला मुख्यालय से निकाला  गया जागरूकता रथ

 
-जिलाधिकारी ने हरी झंडी दिखाकर रथ को किया रवाना
 
-गाँव-गाँव जाएगा जागरूकता रथ, दिया जाएगा पोषण संदेश
 
खगड़िया, 08 सितम्बर, 2020
पोषण माह को सफल बनाने एवं जन-जन तक पोषण का संदेश पहुँचाने के लिए मंगलवार को जिला मुख्यालय परिसर स्थित बाल बिकास परियोजना कार्यालय से जागरूकता रथ निकाला  गया। जिसे जिलाधिकारी डॉ. आलोक रंजन घोष ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उक्त रथ गाँव-गाँव जाकर लोगों को पोषण का संदेश देगा और माइकिंग व ऑडियो पोषण गीत से लोगों को जागरूक करेगा। दरअसल, इस रथ का उद्देश्य ही लोगों को सही पोषण के लिए जागरूक करना है। ताकि कुपोषण मुक्त समाज का निर्माण हो सकें। पोषण माह का मुख्य उद्देश्य देश के बच्चों, किशोरों एवं महिलाओं को कुपोषण मुक्त, स्वस्थ और मजबूत बनाना है। यह काम विभिन्न सरकारी विभागों के रूपांतरण से होगा। इसमें समाज कल्याण, स्वास्थ्य, पेयजल स्वच्छता, पंचायत राज आदि विभाग मिलकर काम करेंगे। पूरे सितंबर माह प्रतिदिन सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों, प्रखंडों व जिलास्तर पर गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। जबकि पोषण जागरूकता रथ ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण के महत्व के बारे में बताएगा।
 
 
बच्चे के विकास के लिए सही पोषण जरूरी
इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ आलोक रंजन घोष ने कहा कि बच्चे के विकास के लिए सही पोषण बहुत महत्वपूर्ण है। खासकर शुरुआती वर्षों के दौरान। गर्भावस्था व जन्म के बाद के शुरुआती वर्ष में मस्तिष्क और अन्य महत्वपूर्ण अंगों के विकास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं. नवजात बच्चों के संपूर्ण विकास को सुनिश्चित करने के लिए विटामिन, मिनरल्स, कैल्शियम, आयरन, वसा और कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार देना बहुत महत्वपूर्ण होता है. उन्होंने बताया शिशुओं को छः महीने तक सिर्फ़ मां का दूध ही देना चाहिए इसके अलावे एक बूंद पानी भी नही देना होता हैं तथा दो साल तक स्तनपान के साथ पूरक आहार करना चाहिए.
 
 
गर्भावस्था में सही पोषण जरूरी
वहीं आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नीना सिंह ने कहा कि गर्भावस्था में मां को अच्छे पोषण की जरूरत होती है। इस दौरान सही पोषण बच्चे के विकास और मां के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जरूरी है। माताओं को ध्यान रखना चाहिए कि उनके पोषण में विटामिन और मिनरल्स की कमी न हो। गर्भावस्था के दौरान सही डायट चार्ट बनाना और उसका पालन करना जरूरी है। गर्भावस्था के दौरान आप जो भी आहार लेती हैं, उससे न केवल आपके शरीर को पोषण मिलता है, बल्कि आपके पेट में पल रहे बच्चे का भी विकास होता है। साथ ही  उन्होंने बताया,  कुपोषण को दूर करने के लिए पोषण के पांच सूत्र तैयार किये गये हैं। पहला सुनहरा 1000 दिन, डायरिया प्रबंधन, पौष्टिक आहार, स्वच्छता एंव साफ-सफाई, एनिमिया प्रबंधन शामिल है। इन पांच सूत्रों से कुपोषण पर लगाम लगाया जायेगा।
 
 
जन-जन तक पहुंचाई जाएगी पोषण का संदेश
वहीं एनएनएम के जिला समन्वयक अंम्बुज कुमार ने कहा कि रथ समेत अन्य माध्यमों से पोषण का संदेश जन-जन तक पहुंचाई जाएगी। ताकि हर हाल में कुपोषणमुक्त समाज का निर्माण हो सकें।
 
 
जागरूकता रथ देगा ये जानाकरी
 
-जन्म के छह माह तक सिर्फ माँ का दूध पिलायें
-छह माह के बाद बच्चों को स्तनपान के साथ पूरक आहार दें
-गर्भवती होने पर आंगनबाड़ी केंद्र पर रजिस्टेशन करायें
-बच्चों को खाना खिलाते समय साफ-सफाई का ध्यान रखें
-गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार का सेवन करें
-गर्भवती महिलाओं को आयरन की गोली जरूरी लेनी चाहिए

रिपोर्टर

  • Grihsaundarya (Admin)
    Grihsaundarya (Admin)

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

    Grihsaundarya (Admin)

संबंधित पोस्ट