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- अनावश्यक तनाव लेने की जगह सतर्कता बरतते हुए सही जानकारी रखें
- परिजनों और दोस्तों संग अपनी समस्या साझा करें, उनकी मदद लें
- मानसिक रूप से मजबूत रहने पर ही चीजों को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे
- बीमार या लगातार परेशान रहते हैं तो डॉक्टर से अवश्य मिलें और सलाह लें
मुंगेर, 16 सितम्बर।
कोविड-19 से पहले लोग संक्रमण की बीमारी को उतनी गंभीरता से नहीं लेते थे। आज कई माह बाद भी जब इसका प्रभाव कम नहीं हुआ है और न ही दवा और वैक्सीन है। ऐसे में लोग हरेक बीमारी को अति गंभीरता से ले रहे हैं। बीमारी की चपेट में आने से बचने के लिए जरूरी सुरक्षा के उपाय अपना रहे हैं। इधर, देश में जब से लॉकडाउन लगा लोग घरों में सिमट कर रह गए। गृहणियों के साथ-साथ कामकाजी और घर से बाहर रहने वालो की दिनचर्या सबसे ज्यादा प्रभावित हुई। आज अनलॉक होने के बाद भी संक्रमण का प्रभाव जारी है। ऐसे में परिवार के सदस्यों के साथ कई कामगार लोग अनिश्चित या अनजाने भविष्य को लेकर परेशानी भी महसूस कर रहे हैं। इस माहौल में लोगों में चिंता और तनाव भी देखा जा रही है। लोग मानसिक रूप से परेशान भी दिखते हैं। यह स्वास्थ को लेकर कोई बड़ी परेशानी न खड़ी कर दे, इसलिए ऐसे वक्त में बेहद सजग रहने की जरूरत है।
मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना हरेक व्यक्ति के लिए जरूरी:
किसी भी अवस्था या परिस्थिति में मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना हरेक व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी होता है। क्योंकि यह इंसानों के सोचने, महसूस करने और काम करने की ताकतों को प्रभावित करता है। इसके साथ ही इसका सीधा असर तनाव, रिश्ते और फैसले लेने पर भी पड़ता है। कोविड-19 के दौरान महिलाओं, युवाओं, स्कूली बच्चों और ऐसे कामकाजी लोग जिनका काम-धंधा बंद हो गया तथा जो घर में बैठ गए उन्हें थोड़ा बहुत मानसिक रूप से परेशान होना पड़ा। युवा और बच्चे तो बड़े-बुजुर्गों के देखरेख में तनाव से काफी हद तक दूर रहे, लेकिन कामकाजी और घर गृहस्ती चलाने वालों की समस्या कम नहीं हुई।
परेशानियों का पा सकते हैं समाधान:
मुंगेर के सिविल सर्जन डॉक्टर पुरुषोत्तम कुमार कहते हैं कि लोगों का मानसिक स्वास्थ्य न बिगड़े, उन्हें कोई अन्य समस्या व बीमारी न घेर ले इसको लेकर स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश जारी करने के साथ-साथ कई कदम उठाए जा रहे हैं। अस्पतालों में इलाज की बेहतर व्यवस्था के साथ जानकारी व सहायता के लिए टोल फ्री नंबर के साथ कई ऐसे प्लेटफॅाम तैयार किए गए हैं, जहां से लोग अपने मानसिक स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों का हल पा सकते हैं। बिहार सरकार का 'संजीवन एप' और केंद्र का 'आरोग्य सेतु' एप भी इसमें अहम भूमिका अदा कर रहा है।
इस प्रकार रख सकते हैं स्वयं को मानसिक रूप से स्वस्थ:
- कोविड-19 का दौर कबतक रहेगा यह निश्चित नहीं है, इसलिए अनावश्यक तनाव लेने की जगह सतर्कता बरतें और सही जानकारी रखें। अगर आप बीमार या लगातार परेशान रह रहे हैं तो डॉक्टर से मिलें और विशेषज्ञ की सलाह लेते रहें।
- परिजनों, दोस्तों की मदद लें। उनसे बात करते रहें तथा उनसे अपनी समस्याएं साझा करें। जरूरी यह भी है कि उनके सुझावों पर अमल भी करें, याद रखे कि परेशानी में अपने ही सही रास्ता दिखाते हैं। उनसें मदद लेने में परेशानी नहीं है। झिझक ना करें।
- मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रखने के लिए जरूरी है कि आप मानसिक तौर पर मजबूत बनें। अगर आप मानसिक रूप से मजबूत हैं तो आप चीजों को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे और निर्णय ले पाएंगे।
- भावनात्मक स्वास्थ्य का भी ठीक बनाए रखना आपके परिवार के हिसाब से भी जरूरी है। इसी की मदद से आप अपनी और परिवार की जरूरतों और सुरक्षा को लेकर कदम उठा पाएंगे।
- समय पर भोजन लें, व्यायाम और योगा को दिनचर्या में शामिल करें तथा पूरी नींद लें। खुश रहें और दूसरों को भी रखने की कोशिश करें। वह काम करें जो आपको खुशी दे।
- राष्ट्रीय मानसिक जांच एवं स्नायु विज्ञान संस्थान (निमहांस) के टोल फ्री नंबर 080-46110007 पर कॉल कर मदद और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
रिपोर्टर
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Grihsaundarya (Admin)