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परिजन बेफिक्र होकर आंगनबाड़ी केंद्र में कराएं टीकाकरण
टीकाकरण हो जाने से 12 तरह की बीमारियों से होता है बचाव
भागलपुर, 18 सितंबर
जिले में कोरोना काल में भी सुरक्षित तरीके से टीकाकरण चल रहा है. परिजन बच्चे को आंगनबाड़ी केंद्र ले जाकर टीकाकरण कराएं. इससे बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और 12 तरह की बीमारियों से बचाव होता है. जिन लोगों का सही तरीके से टीकाकरण हुआ है, उन्हें कोरोना भी ज्यादा परेशान नहीं कर रहा है, इसलिए टीकाकरण कराना नहीं भूलें. उक्त बातें जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार चौधरी ने शुक्रवार को सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च और स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयोजित वेबिनार में कही.
डॉ. मनोज कुमार ने कहा, स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण को लेकर पूरी तरह से सजग है. इसमें आमलोगों की भी भागीदारी होनी चाहिए. लोगों को टीकाकरण को लेकर जागरूकता फैलानी चाहिए. टीकाकरण के दौरान कोरोना का संक्रमण नहीं हो इसे लेकर आवश्यक निर्देश दिए गए हैं. एएनएम पूरी तरह से सुरक्षित होकर टीका लगा रही हैं. टीका लगाने के दौरान एएनएम मास्क और ग्लब्स जरूरी तौर पर पहन रही हैं. साथ ही परिजन भी बच्चे को ले जाते वक्त मास्क अवश्य रूप से पहने. इस दौरान आम लोगों को भी शारीरिक दूरी एवं मास्क इस्तेमाल करने के निर्देश दिए गए हैं . कोरोना के संक्रमण के भय को छोड़कर लोगों को टीकाकरण कराना चाहिए. डॉ चौधरी ने बताया आंगनबाड़ी केंद्रों और सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण पूरी तरह से सुरक्षित है. निजी अस्पतालों, क्लीनिक और सरकारी अस्पतालों में एक ही टीके पड़ते हैं, लेकिन सरकारी अस्पतालों में टीके के रखरखाव की बेहतर व्यवस्था है, इसलिए संस्थागत टीकाकरण की ओर ही लोगों को जाना चाहिए.
छूटे हुए बच्चों की बनाई जा रही है सूची: डॉ. चौधरी ने बताया कोरोना काल में 30 से 45 दिनों तक टीकाकरण कार्यक्रम जिले में प्रभावित हुआ. इस दौरान कुछ बच्चों का टीकाकरण नहीं हो सका था, लेकिन घबराने की कोई जरूरत नहीं है. छूटे हुए बच्चों की सूची बनाई जा रही है और सभी बच्चों का टीकाकरण कराया जाएगा.
टीका पड़ने के बाद बच्चे को बुखार होने से घबराएं नहीं: कार्यक्रम के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार चौधरी ने बताया टीका पड़ने के बाद बच्चों को बुखार होना सामान्य प्रक्रिया है. इससे घबराएं नहीं. टीका पड़ने के बाद बच्चे की मां को इसे लेकर दवा दे दी जाती है उसका डोज बच्चे को दे दें. दवा का डोज पड़ने के बाद बच्चा एक-दो दिनों में ठीक हो जाएगा. साथ ही अगर बच्चे को बुखार है तो उस दौरान भी टीका दिलवाना चाहिए. इससे नुकसान नहीं होता है.
टीके के रखरखाव की है पूरी व्यवस्था: वेबिनार में यूएनडीपी के संदीप सिंह ने बताया जिला प्रतिरक्षण कार्यालय से टीके के रखरखाव की निगरानी होती है. टीके के तापमान को समय-समय पर मापा जाता है. दो से 8 डिग्री तापमान के बीच टीके को रखा जाता है. अगर टीका में कोई समस्या आ गई है तो उसका भी पता चल जाता है, इसलिए टीकाकरण कराना पूरी तरह से सुरक्षित है.
केयर इंडिया कर रही है सहयोग: केयर इंडिया की डीटीओ डॉ. सुपर्णा टाट ने वेबीनार में बताया फील्ड में टीकाकरण को लेकर केयर इंडिया किस तरह से सहयोग कर रही है. डॉ. सुपर्णा ने बताया जिले के सभी पीएचसी की एक सूची बना ली गई है. साथ ही जितने भी आंगनबाड़ी केंद्र हैं उनकी सूची और वहां पर काम करने वाले लोगों की सूची बनाई गई है. उस हिसाब से स्वास्थ्य विभाग ने मास्क, सेनिटाइजर और ग्लब्स की व्यवस्था की है. इसलिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है. अभी पूरी तरह से सुरक्षित है टीकाकरण.
आंगनबाड़ी केंद्रों पर हर बुधवार और शुक्रवार को होता है टीकाकरण: वेबीनार में यूनिसेफ के एसएमसी अमित कुमार ने बताया जिले के हर आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुधवार और शुक्रवार को टीकाकरण कराया जाता है. अगर कोई बच्चा छूट जाता है तो घर घर जाकर टीके लगाए जाते हैं. कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुधवार और शुक्रवार के अलावा मंगलवार और गुरुवार को भी टीकाकरण होता है. इसके पहले आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका और आशा कार्यकर्ता परिजन को जाकर इसकी सूचना दे देती हैं, ताकि परिजन बच्चे को समय पर जाकर टीकाकरण करवा सकें. अमित कुमार ने बताया सदर अस्पताल में सातों दिन टीकाकरण किया जाता है. अगर किसी के बच्चे को टीका नहीं लग सका है तो वह सदर अस्पताल में आकर टीका लगवा सकते हैं. साथ ही मायागंज अस्पताल में भी टीकाकरण होता है.
वेबिनार में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के स्टेट प्रोग्राम मैनेजर रणविजय सिंह, रंजीत कुमार एवं सरिता मालिक सहित पत्रकार मौजूद थे.
रिपोर्टर
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Grihsaundarya (Admin)