साफ़-सफ़ाई के प्रति रहें सतर्क, डेंगू होने का ख़तरा होगा कम

        सही प्रबंधन के आभाव में डेंगू हो सकता है जानलेवा 

            बुखार होने पर चिकित्सकीय सलाह है जरुरी 


लखीसराय/15 अक्तूबर: मच्छर जनित रोगों में डेंगू अति गंभीर रोगों की श्रेणी में आता है. वैसे तो बरसात के मौसम में इस बीमारी का प्रकोप बढ़ जाता है। परन्तु जल-जमाव के कारण इस बीमारी के फैलने की संभावना अधिक हो जाती है। इसलिए कोरोना के इस काल में कोरोना के साथ–साथ डेंगू से बचाव के प्रति जागरूक रहना भी जरूरी है । 

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया आम लोगों के बीच सही जानकारी नहीं होने के कारण उनके लिए डेंगू शब्द से ही खौफ़ लगता है. यदि इसके विषय में आम लोगों को पूरी जानकारी दी जाए तो लोगों के मन से डेंगू का भय ख़त्म हो सकता है. डॉ. कुमार ने बताया ऐडीज नामक मच्छर के काटने से डेंगू बुखार होता है. यह मच्छर साफ़ पानी में पनपता है जो ज़्यादातर दिन में ही काटता है. डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है. 3 से 7 दिन तक लगातार बुखार, तेज सर में दर्द,पैरों के जोड़ों मे तेज दर्द, आँख के पीछे तेज दर्द, चक्कर एवं उल्टी, शरीर पर लाल धब्बे आना एवं कुछ मामलों में आंतरिक एवं बाह्य रक्त स्त्राव होना डेंगू के लक्ष्ण में शामिल है. डेंगू का कोई सटीक ईलाज तो उपलब्ध नहीं है पर कुशल प्रबंधन एवं चिकित्सकों की निगरानी से डेंगू को जानलेवा होने से बचाया जा सकत है. इसलिए जरुरी है कि डेंगू के लक्ष्ण दिखाई देने पर चिकित्सकीय सलाह ली जाए. डेंगू के लक्ष्ण दिखाई देने पर बिना चिकित्सकीय सलाह के बुखार की दवा खाना ख़तरनाक हो सकता है. जिस गाँव में डेंगु के मरीज मिलते है उस गाँव में फांगिग कराया जाता है और मरीज को समुचित इलाज के लिए पटना मेडिकल काॅलेज भेजा जाता है।


सही प्रबंधन के आभाव में डेंगू हो सकता है जानलेवा: डेंगू मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं. साधारण डेंगू, डेंगू हैमरेजिक बुखार एवं डेंगू शॉक सिंड्रोम. ज़्यादातर लोगों को साधारण डेंगू ही होता है जो कुछ परहेज करने से ठीक हो जाता है. डेंगू हैमरेजिक बुखार एवं डेंगू शॉक सिंड्रोम गंभीर श्रेणी मे आते हैं. यदि इनका शीघ्र ईलाज शुरू नहीं किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है. डेंगू हैमरेजिक बुखार एवं डेंगू शॉक सिंड्रोम में मरीजों के उपचार के लिए  रक्तचाप एवं शरीर में खून के स्त्राव का निरीक्षण करना जरुरी होता है. राष्ट्रीय वेक्टर बोर्न रोग नियंत्रण विभाग के अनुसार 1 प्रतिशत डेंगू ही जानलेवा है, लेकिन बेहतर प्रबंधन के आभाव में डेंगू 50 प्रतिशत तक ख़तरनाक हो सकता है.  

ऐसे करें डेंगू से बचाव 

आस-पास साफ़-सफाई रखें एवं घर और उसके आस-पास में पानी जमा होने ना दें 

सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें

बच्चों को फुल आस्तीन की कमीज एवं फुल पैंट पहनाए

चापाकल एवं  नल के पास पानी जमा नहीं होने दें


कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का भी करें पालन 

- एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।

- सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।

- अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।

- आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।

- छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।

रिपोर्टर

  • Swapnil Mhaske
    Swapnil Mhaske

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

    Swapnil Mhaske

संबंधित पोस्ट